Wednesday, June 16, 2010

Wednesday, May 12, 2010

योग गुरु बाबा रामदेव के जन्मस्थान

नारनौल. योग गुरु बाबा रामदेव के जन्मस्थान को लेकर कुनबे में कलह शुरू हो गई है। गांव शैदअलीपुर में झगड़े की जड़ वह स्थान है जहां रामदेव का जन्म हुआ था। उनके परिवार के कुछ लोग यहां रामदेव जन्मस्मृति स्थली बनाना चाहते हैं मगर उनके एक चाचा ने अपने हिस्से की जायदाद बेचने से मना कर दिया है। आरोप है कि सोमवार रात इस चाचा के घर दूसरे परिजनों ने हमला कर दिया।

योगगुरु के चाचा रामचंद्र यादव और दादा फूसाराम यादव ने मंगलवार को पुलिस को लिखित शिकायत दी। इसमें आरोप है कि रामदेव के पिता रामनिवास, भाई रामभरत, देवदत व अन्य ने सोमवार रात उनके घर में घुसकर रामदेव के एक अन्य चाचा कृष्ण कुमार के बंद मकान का ताला तोड़ा।

कृष्ण कुमार इस समय चंडीगढ़ में आईटीबीपी में तैनात हैं। आरोप है कि हमलावर सामान उठाकर ले गए। फूसाराम ने उन्हें रोका तो उनके कपड़े फाड़कर उन्हें जमीन पर गिरा दिया, घर में रखे सारे जेवरात और 60 हजार रुपए भी ले लिए तथा संदूक से कपड़े निकालकर आग लगा दी और मकान में तोड़फोड़ की। हालांकि रामदेव के पिता रामनिवास व भाइयों ने आरोपों से इनकार किया है।

उधर, थाना प्रभारी नत्थू सिंह ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। यह बंटवारे का झगड़ा है, नगदी जेवर लूटने की अभी पुष्टि नहीं हुई है।

नहीं बेची जमीन: कृष्ण कुमार ने भास्कर को फोन पर बताया कि मैंने अपना हक नहीं बेचा और न ही मैंने किसी रजिस्ट्री पर साइन किए। उन लोगों ने मेरे पीछे से मेरे मकान का ताला तोड़कर जो कुछ किया है, वह सरासर गलत और अपराध है। इस संबंध में जानकारी मिलने पर मैंने डीजीपी और जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत भी भिजवाई है।

झगड़े का कारण

फूसाराम यादव के छह बेटों में रामदेव के पिता रामनिवास सबसे बड़े हैं। बाकी पांच हैं -हनुमान, रामचंद्र, दयाराम, शीशराम और श्रीकृष्ण। जिस कमरे में रामदेव का जन्म हुआ है, वह इस समय आईटीबीपी में तैनात सबसे छोटे कृष्णकुमार के कब्जे में बताया जाता है।

झगड़ा इसी कमरे को लेकर है। रामदेव के पिता का कहना है कि रामचंद्र को छोड़कर बाकी सभी चाचाओं ने अपनी जमीन जुलाई 2006 में रामदेव के जीजा यशदेव शास्त्री को बेच दी थी। उसके बदले में पैसा लेकर जमीन पर कब्जा भी दे दिया था।

अब पतंजलि योगपीठ उस जमीन पर एक सार्वजनिक स्मारक बनाना चाहती है। किंतु उनके भाई अधिक पैसा ऐंठने के चक्कर में हैं। इसीलिए पुलिस शिकायत कर नाटक किया गया है।

रामदेव का जन्मस्थल

योगगुरु रामदेव का जन्म 1967 में नांगल चौधरी खंड के गांव शैदअलीपुर में हुआ। यहीं सरकारी स्कूल में प्राइमरी की पढ़ाई की, फिर तीन किलोमीटर दूर शहबाजपुर गांव के सीनियर सेकंडरी स्कूल में पढ़े।

फिर खानपुर गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न से संस्कृत, व्याकरण सीखा। बाद में जींद गुरुकुल गए और वहीं संन्यास लिया। गांव में उनके पिता रामनिवास, मां गुलाबदेवी, दादा फूसाराम और अन्य परिजन रहते हैं।